Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
ओसमणी साहू 'ओश'
9 Followers
Follow
Report this post
21 Mar 2024 · 1 min read
संवरना हमें भी आता है मगर,
संवरना हमें भी आता है मगर,
हम आईने सादगी पसंद देखते है…♡
Tag:
Quote Writer
Like
Share
196 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिन्दगी हर क़दम पर दो रास्ते देती है
Rekha khichi
वो इँसा...
'अशांत' शेखर
क्या हुआ यदि हार गए तुम ,कुछ सपने ही तो टूट गए
पूर्वार्थ
डोम के चान!
Acharya Rama Nand Mandal
दिल को दिल से खुशी होती है
shabina. Naaz
हो तुम किस ख्यालों में डूबे।
Rj Anand Prajapati
सफल हस्ती
Praveen Sain
जो भुगत कर भी थोथी अकड़ से नहीं उबर पाते, उन्हें ऊपर वाला भी
*प्रणय*
4112.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वफ़ा और बेवफाई
हिमांशु Kulshrestha
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
दोहे
Rambali Mishra
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मानवता-कल्याण-युत, मूल्यों का है मंत्र
Dr Archana Gupta
शरीर
Laxmi Narayan Gupta
जिस चीज में दिल ना लगे,
Sunil Maheshwari
दोहा
sushil sarna
--: पत्थर :--
Dhirendra Singh
दुलरि ओ ,धिया जानकी
श्रीहर्ष आचार्य
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
The_dk_poetry
विचार-प्रधान कुंडलियाँ
Ravi Prakash
जिंदगी मैं हूं, मुझ पर यकीं मत करो
Shiva Awasthi
"कथरी"
Dr. Kishan tandon kranti
********* प्रेम मुक्तक *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्रव्याद
Mandar Gangal
बस यूंही
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
Loading...