संभलना खुद ही पड़ता है….
संभलना खुद ही पड़ता है….
डगमगाए कदम अगर,संभलना खुद ही पड़ता है,
गिरे अगर उठना खुद ही पड़ता है,
भरना है सपनों की उड़ान अगर,उड़ना खुद ही पड़ता है,
छलका आँखों से आसू अगर,पोछना खुद ही पड़ता है,
छाये तकलीफो के बादल अगर,निपटना खुद ही पड़ता है,
कहने को है लोगो का काफिला मगर संभलना खुद ही पड़ता है….
~ Rati Raj ~