संप्रदायिकता का भेंट चढ़ती हमारी एकता
भारत को समस्त विश्व में एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में जाना जाता है और भारत ने ही विश्व को अनेकता में एकता एवं वसुधैव कुटुंबकम का पाठ पढ़ाया है और यह हमारी संस्कृति की पहचान भी है परंतु भारतीय राजनेताओं ने अपने तुच्छ एवं निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए सांप्रदायिकता की आग को हवा देने का तुच्छ काम किया है जिसके कारण देश में स्वतंत्रता के समय लगी सांप्रदायिकता की आग आज स्वतंत्रता के 70 वर्षों के बाद भी सुलग रही है और इस आग में जलती है आम जनता इसके भेंट चढ़ता है देश का भविष्य और तार-तार होती है देश की इज्जत और इसका लाभ मिलता है उन ओछे राजनेताओं को और जब तक हम इस राजनीति के गंदे खेल को नहीं समझ जाते तब तक ये नेता हमारी भावनाओं एवं अस्मिता से यूं ही खेलते रहेगें
रोहित राज मिश्रा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय