संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि अंहकार से विमुढ़ व्यक्ति समझता हैं कि। ‘ मैं कर्ता हूँ ‘।
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि अंहकार से विमुढ़ व्यक्ति समझता हैं कि। ‘ मैं कर्ता हूँ ‘।