संदेश
ओ चतुर कागा! हमारे गाँव जाना।
पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना।
मातु से कहना कि उसका सुत कुशल है।
याद वो करता उन्हें हर एक पल है।
छोड़ दीं अय्याशियाँ सब गाँव वाली,
नित्य-निज कर्तव्य पर रहता अटल है।
हो गया है अब लड़कपन से सयाना।
पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना।
व्यर्थ चिन्ता त्याग, माँ निज ध्यान रखना।
आ गया है श्रम मुझे दिन रात करना।
हो गया है बोध जिम्मेदारियों का,
अब न नालायक निकम्मा आप कहना।
अब नही करता हूं मैं कोई बहाना।
पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना।
कर्ज गिरवीं गाँठ से उद्धार होगा।
माँ तुम्हारे पास तेरा हार होगा।
विश्व की सारी खुशी कदमों में रख दूँ,
माँ हमारा स्वप्न तब साकार होगा।
लौटकर घर माँ हमें है जल्द आना।
पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना।
स्वरचित एवं मौलिक
अभिनव मिश्र अदम्य
शाहजहांपुर, उत्तरप्रदेश
पिन-242401