संघर्ष में सत्य की तलाश*
बिन संघर्ष नहीं कुछ मिलता।
यह जीवन कदापि नहिं खिलता।
संघर्षों की अतुल कहानी।
बिन संघर्ष भानु नहिं उगता।
बिन संघर्ष नहीं शिक्षा है।
बिन संघर्ष नहीं रक्षा है।
श्रम में ही संघर्ष छिपा है।
यह अनुपम नैतिक दीक्षा है।
हर मानव संघर्ष कर रहा।
मनुज बिना संघर्ष मर रहा।
जो संघर्षशील नित कर्मठ।
बिना हिचक वह स्वयं चर रहा।
बिन संघर्ष न अर्थ मिलेगा।
सारा जीवन व्यर्थ लगेगा।।
है संघर्ष मधुर फल कुंजी।
मन वांछित हर काम बनेगा।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।