संघर्ष के पथ साथ की आशा भटकाव बनेगी
संघर्ष के पथ साथ की आशा भटकाव बनेगी
चोट लगेगी ऐसी हृदय पर जो घाव बनेगी।।
करो सिंचाई संरक्षण अपने कर्म फसल की
जीवन में थोती यारी बस खरपतवार बनेगी।।
जगत बनेगा मित्र देखकर शक्ति और सफलता
मझधारों में साथी तो केवल पतवार बनेगी।।
डरो नहीं प्रतिकूल क्षणों में सब परिणाम मिलेगा
घिस-पिट कर ही तो लोहे से तलवार बनेगी।।
जीवन में उत्कृष्ट रखो व्यक्तित्व योग्यता विद्या
नेतृत्व यदि होगा उसके पीछे सरकार बनेगी।।
अपने को पहचाने तुम मत और किसी को खोजो
स्व का मूल्य समझने वाले की दरकार बनेगी।।