संगीत
तुम्हारी चाहत में जाने जाना
हमारी आंखे बरस रही है
छुपी हुई है सूरत को देखे
हमारी धडकन बिलख रही है। ।।।।।
दिलो दिमाको मे तेरी चाह है
बसी जो सूरत है इस निगाह मे
मिले तुम्हारी छाॅह को जूॅम लूॅ
पकड उगंली उसे थाम लूॅ
बस यह टूकडा है चाॅद का
हमारी आंखे जिसे निहा रही है ।।।।
तुम्हारी चाहत मे जाने जाना
हमारी आंखे। ।।।।।।।।।।।।।
गुलाब जैसा बदन तुम्हारा
मुखडे को जैसे चाॅद निहारा
केशो पे जैसे घटा है छाई
घनोरी आंखो की रात मे हम
सुबह की किरणे निहार रही है। ।।।।।।
तुम्हारी चाहत मे जाने जाना
हमारी आंखे। ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
मिले अगर हम फिर ना जुदा हो
पकड के ऊॅगली चले सबल कर
बहे कभी न अश्क दुबारा
इक दूजे की सूरत निहार कर हम
इसी ही चाहत मे जाने जाना बेखुदी भी हमको मिला रही है
तुम्हारी चाहत मे जाने जाना
हमारी आंखे बरस रही है। ।।।।।।।
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
हमारी धडकन मचल रही है।।।।।।।