Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2016 · 1 min read

संकल्प

बहुमजिंला इमारत की मुडेंर पर खडी थी वो, अपने दोनों हाथों को फैलाये चिडियों की तरह उड़ने को तैयार।और आँखों के आगे आ रहे थे शादी के बाद बीते दस साल ।

मन माफिक दहेज ना मिलने के कारण पहले दिन से मिलने वाला अपमान ।मोबाइल रखना सास को पसन्द नहीं ,एकलौते टीवी पर हर वक्त ससुर जी का अधिकार और अखबार तो घर में आता ही ना था ।

दस सालों से दुनिया से कटकर बस घर वालों को खुश रखने की कोशिश पर उसमें भी सफल नहीं ।कैसै होती आखिर सफल सबको खुश करने के लिय दहेज जो ना लायी थी वो।

पर अब और नहीं, पहले लगा झूठा चोरी का इलजाम और अब बदचलन होने का।रोज अपने ही हाथों से अपना गला रेतना बस एक उड़ान और सब खत्म ,

तभी छत के कोने से उड़ कर अखबार आ रूका उसके चेहरे पर और मरने से पहले भी बचपन की आदत छोड़ नहीं पायी वो ।और पढ़ने लगी उसे

उफ्फ्फ्फ कितना कुछ था उसमें हर तरफ खून और दर्द ही दर्द ,अपना दर्द बहुत कम लगा इस सब के आगे।

फिर से जिन्दगी से लड़ने का इरादा कर उतर आयी वो मुडे़र से ।और अखबार का वो टुकड़ा मुस्कुरा पड़ा एक जिन्दगी को बचाकर और सिसक भी पड़ा अपने अन्दर मरी अनगिनत जिन्दगीयों को याद कर कर।

नेहा अग्रवाल “निःशब्द”

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 361 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यार जताने के सभी,
प्यार जताने के सभी,
sushil sarna
नायाब तोहफा
नायाब तोहफा
Satish Srijan
बटाए दर्द साथी का वो सच्चा मित्र होता है
बटाए दर्द साथी का वो सच्चा मित्र होता है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
करके ये वादे मुकर जायेंगे
करके ये वादे मुकर जायेंगे
Gouri tiwari
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
Bhupendra Rawat
बेटी
बेटी
Vandna Thakur
"मिलते है एक अजनबी बनकर"
Lohit Tamta
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
★गैर★
★गैर★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
दुख वो नहीं होता,
दुख वो नहीं होता,
Vishal babu (vishu)
2875.*पूर्णिका*
2875.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज का रावण
आज का रावण
Sanjay ' शून्य'
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
दीवाली शुभकामनाएं
दीवाली शुभकामनाएं
kumar Deepak "Mani"
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मैं पापी प्रभु उर अज्ञानी
मैं पापी प्रभु उर अज्ञानी
कृष्णकांत गुर्जर
#लघुकथा / #न्यूज़
#लघुकथा / #न्यूज़
*Author प्रणय प्रभात*
तेरी याद आती है
तेरी याद आती है
Akash Yadav
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
Kumar lalit
गुरु असीम ज्ञानों का दाता 🌷🙏
गुरु असीम ज्ञानों का दाता 🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
gurudeenverma198
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
संघर्ष से‌ लड़ती
संघर्ष से‌ लड़ती
Arti Bhadauria
कुछ पल
कुछ पल
Mahender Singh
चिन्तन का आकाश
चिन्तन का आकाश
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-422💐
💐प्रेम कौतुक-422💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं लिखता हूँ
मैं लिखता हूँ
DrLakshman Jha Parimal
बहुत प्यार करती है वो सबसे
बहुत प्यार करती है वो सबसे
Surinder blackpen
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
दुष्यन्त 'बाबा'
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
Bodhisatva kastooriya
Loading...