श्री शक्तिपीठ दुर्गा माता मंदिर, सिविल लाइंस, रामपुर
श्री शक्तिपीठ दुर्गा माता मंदिर, सिविल लाइंस, रामपुर
रामपुर रियासत के विलीनीकरण के पश्चात सिविल लाइंस में अगर कोई दुर्गा माता जी का मंदिर भक्तों को आकृष्ट करता रहा है तो वह श्री शक्तिपीठ दुर्गा माता मंदिर ही है। रेलवे स्टेशन के ठीक सामने गली में थोड़ा चलते ही दाहिनी ओर एक विशाल द्वार है, जिसके भीतर प्रवेश करने पर मंदिर सज-धज के साथ उपस्थित दिखाई देने पड़ता है।
मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने माता की चुनरी आदि पूजा सामग्री दुकानों पर सजी हुई है। यह एक चलता फिरता और भारी भीड़ वाला बाजार है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक तरफ फूलमालाएं बेचने वाला अपनी टोकरी सजे हुए था। भीतर पीतल का एक विशाल घंटा दुर्गा माता की प्रतिमा के ठीक सामने लटक रहा था, जिसके बजाने से मंदिर का संपूर्ण वातावरण अलौकिकता से भर जाता है। विभिन्न देवी देवताओं की मूर्तियां भी इसी परिसर में सुशोभित हैं।
मुख्य मंदिर के निकट ही हमें सुसज्जित आसन पर विराजमान श्री महंत प्रेम गिरि जी के दर्शन हुए। आप तेजस्वी व्यक्तित्व हैं। अध्यात्म के साधक हैं। जिस आसन पर आप विराजमान थे, उसके पीछे न केवल आपका चित्र वर्तमान महंत के रूप में आपके पद और प्रतिष्ठा को प्रमाणिकता के साथ घोषित कर रहा है अपितु आपकी महंत परंपरा के स्वनामधन्य आध्यात्मिक संतों से भी परिचय कर रहा है।
मंदिर में लिखित शिलालेख तथा बोर्ड
निम्न प्रकार से ऐतिहासिक तथ्य वर्णित कर रहे हैं :
महंत श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, हनुमान धाम, काशी ट्रस्ट। सोमवार गिरि महाराज, 13 मढ़ी वर्तमान महन्त प्रेमगिरि थानापति 13 मढ़ी श्री शक्ति पीठ दुर्गा माता मन्दिर, सिविल लाइन्स, रामपुर (उ.प्र)
ब्रह्मलीन श्री महन्त जमना गिरि जी
काशी स्थानाधिपति (जूना अखाड़ा की पुण्य स्मृति में श्री सोमवार गिरी की शुभ सम्मति से श्री बी. एन. सिंह (डिस्ट्रिक्ट जज) द्वारा निर्माण 18 अप्रैल 1988 को करवाया गया।
॥ श्रीदत्त भगवते नमः ।। ॥ ब्रह्मलीन एवं परंम पूज्य ।।
श्री श्री 108 महन्त श्री केदार गिरि जी महाराज की पुण्य स्मृति में उनके शिष्य महन्त सोमवार गिरि जी ने अपने आज्ञाकारी भक्त श्री ओंकारनाथ मेहता (चीफ इंजिनियर) के पूर्ण सहयोग द्वारा जून 1987 में इस प्रवेश द्वार का निर्माण करवाया