Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2021 · 2 min read

श्री रमेश जैन द्वारा “कहते रवि कविराय” कुंडलिया संग्रह की सराहना : मेरा सौभाग्य

श्री रमेश जैन द्वारा “कहते रवि कविराय” कुंडलिया संग्रह की सराहना : मेरा सौभाग्य
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
अग्रणी सामाजिक कार्यकर्ता श्री रमेश जैन आज दिनांक 20 नवंबर 2021 को मेरी पुस्तक कहते रवि कविराय पर कुछ टिप्पणियों के साथ मेरी दुकान पर पधारे।

प्रसंग वश आपने जानकारी दी कि सब प्रकार के फूलों पर भौंरा मँडराता है लेकिन चंपा के फूल पर नहीं आता । जबकि चंपा का फूल जब खिलता है तो सबसे ज्यादा खुशबू फैलती है ।
हरसिंगार के फूलों को आपने बताया कि नजदीक से मैंने पेड़ों से झड़ते हुए देखा है ।यह वर्ष में कुछ खास अवधि में ही खिलते और झड़ते हैं । इसी तरह से सेमल का फूल है जिसकी लालिमा से एक प्रकार से शिवजी का अभिषेक होता है । एक फल संभवतः अलूचे का आपने नाम लिया था जिसका फूल इतना सुंदर होता है कि अगर उसे कुछ सेकेंड के लिए भी टकटकी लगाकर देख लिया जाए तो नेत्रों की ज्योति बढ़ जाती है । मुझे याद आता है आपने कुछ समय पूर्व एक संस्मरण भी सुनाया था कि किस प्रकार पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के द्वार पर आपने एक पेड़ देखा और उस पर जो कविता लिखी ,उस कविता के रचयिता की तलाश में वाइस चांसलर महोदय रामपुर में आप का पता ढूंढते रहे थे ।

बातचीत के मध्य आपने उल्लेख किया लोक अदालत में न्याय के आसन पर बैठकर लगभग 10 – 15 वर्ष तक सिविल मामलों के विवादों का फैसला करवाने में अपनी भूमिका का । आपने कहा कि तलाक करवाना कभी भी आपका ध्येय नहीं रहा। आप पति-पत्नी के विवादों को परस्पर सामंजस्य के साथ निपटाने के लिए प्रयत्नशील रहते थे ।आपने अनेक मुकदमे आपसी समझौते के आधार पर सुलह की ओर अग्रसर किए और परिवार बिखरने से बच गये।
एक मामले का उल्लेख करते हुए आपने बताया कि पति विवाह के पश्चात अपनी पत्नी को भेंट में जब कुछ न दे सका, तो इसी बात पर विवाद शुरू हो गया। बढ़ता गया । आपने पूछा कि सोने की वह उपहार की वस्तु कितने रुपए में आएगी ? लड़की ने कहा दो हजार में आ जाएगी । आपने अपनी जेब से दो हजार रुपए निकालकर उस लड़की को दे दिए । मामला चुटकियों में सुलझ गया । यद्यपि लड़की का पिता खुश नहीं था । आपने यह अनुभव किया है कि अनेक बार माता-पिता की दखलंदाजी से पति-पत्नी का दांपत्य जीवन बिखर जाता है। कई बार माता-पिता का लड़की को अपने साथ रखने में स्वार्थ होता है । विवाद का कारण कुछ भी हो ,आप की भूमिका मामले को खुशनुमा तरीके से निपटाने की रही ।

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल डॉ. चेन्ना रेड्डी से आपकी अच्छी मुलाकात रहती थी। आपके कथनानुसार तीन महीने में या तो चेन्ना रेड्डी साहब आपसे मिलने आ जाते थे या फिर लखनऊ राजभवन में आपको बुला लेते थे । यह निश्छल आत्मीयता से भरा संबंध था । आपने कभी भी अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए डॉक्टर चेन्ना रेड्डी से कुछ नहीं माँगा ।
सचमुच आप विचारों और कार्यों की दृष्टि से एक दिव्य चेतना से ओतप्रोत फकीर हैं ।

1 Like · 400 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
सोलह श्राद्ध
सोलह श्राद्ध
Kavita Chouhan
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
sushil sarna
*श्रीराम*
*श्रीराम*
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
2889.*पूर्णिका*
2889.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
तर्क-ए-उल्फ़त
तर्क-ए-उल्फ़त
Neelam Sharma
मॉर्निंग वॉक
मॉर्निंग वॉक
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
Shweta Soni
"मेरा कहना है"
Dr. Kishan tandon kranti
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
शेखर सिंह
कांतिमय यौवन की छाया
कांतिमय यौवन की छाया
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
ध्यान क्या है, ध्यान क्यों करना चाहिए, और ध्यान के क्या क्या फायदा हो सकता है? - रविकेश झा
ध्यान क्या है, ध्यान क्यों करना चाहिए, और ध्यान के क्या क्या फायदा हो सकता है? - रविकेश झा
Ravikesh Jha
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
बहुत टूट के बरसा है,
बहुत टूट के बरसा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नज़रों से नज़रें मिली जो
नज़रों से नज़रें मिली जो
Chitra Bisht
“दोहरी सोच समाज की ,
“दोहरी सोच समाज की ,
Neeraj kumar Soni
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
Kumar lalit
ये कैसी आज़ादी
ये कैसी आज़ादी
Rekha Drolia
" कृष्णा का आवाहन "
DrLakshman Jha Parimal
..
..
*प्रणय*
मौसम और कुदरत बर्फ के ढके पहाड़ हैं।
मौसम और कुदरत बर्फ के ढके पहाड़ हैं।
Neeraj Agarwal
शहर में नकाबधारी
शहर में नकाबधारी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
Surinder blackpen
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
कवि रमेशराज
समस्याओं के स्थान पर समाधान पर अधिक चिंतन होना चाहिए,क्योंकि
समस्याओं के स्थान पर समाधान पर अधिक चिंतन होना चाहिए,क्योंकि
Deepesh purohit
कौन सी जमात में पढ़ती हो तुम मोहल्ले के लड़के बता रहे थे बड़
कौन सी जमात में पढ़ती हो तुम मोहल्ले के लड़के बता रहे थे बड़
Rj Anand Prajapati
मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा,
मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा,
Preksha mehta
"शाम की प्रतीक्षा में"
Ekta chitrangini
कुछ अच्छा करने की चाहत है
कुछ अच्छा करने की चाहत है
विकास शुक्ल
*अभिनंदन सौ बार है, तुलसी तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*अभिनंदन सौ बार है, तुलसी तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...