श्री कृष्ण जन्माष्टमी
**** श्री कृष्ण-जन्माष्टमी ******
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देवकी नंदन श्री कृष्ण अवतार हैं,
जगत के दुखों के वो तारणहार हैं।
यशुमति मैया का था राजदुलारा,
नंद बाबा की वो आँखों का तारा,
गोकुल की गलियों में ही प्यार है।
देवकी नंदन श्री कृष्ण अवतार हैं।
द्वारपालों को गहरी नींद सुलाया,
जेल खोल कर कान्हां बाहर आया,
लीलाधर की लीला अपरम्पार है।
देवकी नंदन श्री कृष्ण अवतार हैं।
उमड़-उमड़ यमुना पैरों को है छूती,
गोकुल नगरी दर्शन कर धन्य होती,
सुंदर सजता श्री नंद का दरबार है।
देवकी नंदन श्री कृष्ण अवतार हैं।
बकासुर,वत्सासुर को मार गिराया,
भारी – भरकम अत्याचार मुकाया,
सारे जगत का मोहन पालनहार है।
देवकी नंदन श्री कृष्ण अवतार हैं।
गोपियों संग रास लीला थी रचाई,
राधा के प्रेम में अंग अंग अंगड़ाई,
माखन चोर का छाया खुमार है।
देवकी नंदन श्री कृष्ण अवतार हैं।
जन्माष्टमी का सुंदर उत्सव आया,
मुरलीधर का जन्मदिवस मनाया,
भारत वर्ष का सुनहरा त्योहार है।
देवकी नंदन श्री कृष्ण अवतार हैं।
मनसीरत नयनों में नीर है भरते,
जन गण मन की पीर दूर है करते,
संपूर्ण जीवन ही उन पर नौछार है।
देवकी नंदन श्री कृष्ण अवतार हैं।
देवकी नंदन श्री कृष्ण अवतार हैं।
जगत के दुखों के वो तारणहार है।
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सुखविन्दर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)