श्री कृष्णा श्री कृष्णा _____ मुक्तक
श्री कृष्णा श्री कृष्णा ,मिटा दो अब तो यह तृष्णा।
तुम्ही धन हो मेरा जीवन , यही स्वभाव मेरा रखना।
कर्म का मै बनूं राही, धर्म न यह मेरा छूटे,
शरण में आया हूं स्वामी, कृपा दृष्टि आप रखना।।
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भटक जाता हूं मैं जग में, यह भटकन तोड़ दो मेरी।
तुम्हारा दर न छूटे अब, यही चाहत प्रभु मेरी।
लोभ लालच के बंधन से, मुझे आजाद कर देना,
शरण में आ पड़ा तौरी, दर्शन दो करो न कोई भी देरी।।
राजेश व्यास अनुनय