श्रीराम ही सहारे
राम सबके मन हो उजियारे है,
हम सबके श्रीरामजी रखवारे हैं।
करे दूर सब अज्ञान अंधियारे है,
पालनहार श्रीराम राखनहारे हैं।
अब घर घर में मंगल छाएगा,
राम नाम आनन्द रस आएगा।
राम नाम नित्य मन बस जाए,
मंगलदीप जलें मन आनंद समाए।
सर्वहितकारी रखे मन उजियारे हैं।
‘पृथ्वीसिंह’ के श्रीराम ही सहारे हैं।।