श्रीराम तेरे
चराचर में बसते हैं श्रीराम तेरे
जो बिगड़े हैं कब से सभी काम तेरे
प्रभु का हो गर मन में विश्वास पूरा
तो कर देंगे वो दूर इल्ज़ाम तेरे
तू जप ले प्रभु नाम को जो निरंतर
सफ़ल हो उन्हीं से कई धाम तेरे
कहत राम सुख-दुख की चादर को फेंको
तो संपूर्ण जीवन करूँ नाम तेरे