*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
शीर्षक – श्रीराम और चंडी माँ की कथा
मां सीता का हरण राक्षस रावण ने कर लिया।।
प्रभु राम का सारा संसार पल भर में ठहर गया।।
वन में भटकते राम और भाई लखन थे ।
दुखी थे सभी से पता सीता का पूछते थे।
सीता के आभूषण मिले तो दिशा का ज्ञान हो गया ।।
मां सीता का हरण राक्षस रावण ने कर लिया।।..1
उसी दिशा में खोजने जब आगे आगे चले ।
वीर जटायु वहां प्रभु को घायल पड़े मिले ।
हाथों में राम के प्राण तजे जटायु मुक्त कर दिया ।।
मां सीता का हरण राक्षस रावण ने कर लिया ।।..2
हनुमान मिले प्रभु राम को सहायक तभी।
निराश सुग्रीव भी मिले पदच्युत राजा थे कभी ।
बाली वध हुआ अंगद शरण में प्रभु राम ने लिया।।
मां सीता का हरण राक्षस रावण ने कर लिया।।.3
जन जन और वनवासी जनों का भी साथ मिला ।
राम लखन हनुमान को सर्व जनों का साथ मिला ।
सब मिलकर करें प्रतिकार ये निश्चय कर लिया ।।
मां सीता का हरण राक्षस ने कर लिया ।।..4
मां चंडी को याद करो ब्रह्मा जी ने आदेश दिया ।
प्रभु राम ने फिर मां चंडी का आवाहन किया ।
पूर्ण विधि से माँ की पूजा का निश्चय कर लिया ।।
मां सीता का हरण राक्षस रावण ने कर लिया ।।..5
यज्ञ की व्यवस्था की 108 नीलकमल ले आए ।
पूजा की सारी व्यवस्थाएं कर लाए ।
रावण ने कुटिलता से एक कमल चोरी कर लिया ।।
मां सीता का हरण राक्षस रावण ने कर लिया ।।…6
प्रभु राम हुए उदास यज्ञ कैसे पूर्ण होगा ।
यदि नहीं हुआ तो कार्य कैसे पूर्ण होगा।
नीलकमल अक्ष अर्पण करू ये निश्चय कर लिया।।
मां सीता का हरण राक्षस रावण ने कर लिया।।..7
लिया तीर हाथ हुए नयन दे देने को तत्पर ।
माँ प्रगटी तभी प्रभु को रोका वहीं आकर ।
सीता आएंगी वापस रावण वध का निश्चय कर लिया।।
मां सीता का हरण राक्षस रावण ने कर लिया।।..8
रचनाकार –
प्रवल प्रताप सिंह राणा “प्रवल”
ग्रेटर नोएडा/एटा
7827589250