Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2024 · 1 min read

श्रद्धा

शायद इन प्रस्तर खंडों में विराजमान
देव प्रतिमाओं नेअस्तित्व
खो दिया अपना
तभी तो सड़क किनारे स्थित
देव स्थानों पर
बस की खिड़की से यात्री
अपने हाथ व सिर निकाल कर
श्रद्धा के कुछ सिक्के डाल कर
अपनी सीट पर बैठ
निश्चिंत सो जाते हैं
कुछ घर परिवार की
उलझनों में खो जाते है
मानो
भिखारी बनकर बैठे हो देवता
सड़क के किनारे

इनके सिक्कों की आस में
युगों युगों से

रचनाकर ओम प्रकाश मीना

2 Likes · 60 Views
Books from OM PRAKASH MEENA
View all

You may also like these posts

अच्छा ख़ासा तवील तआरुफ़ है, उनका मेरा,
अच्छा ख़ासा तवील तआरुफ़ है, उनका मेरा,
Shreedhar
દુશ્મનો
દુશ્મનો
Otteri Selvakumar
*दो नैन-नशीले नशियाये*
*दो नैन-नशीले नशियाये*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
यूँ मिला किसी अजनबी से नही
यूँ मिला किसी अजनबी से नही
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
अब नहीं हम आयेंगे
अब नहीं हम आयेंगे
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
4310.💐 *पूर्णिका* 💐
4310.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
Anis Shah
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
©️ दामिनी नारायण सिंह
आयेगा तो वही ,चाहे किडनी भी
आयेगा तो वही ,चाहे किडनी भी
Abasaheb Sarjerao Mhaske
"घड़ीसाज"
Dr. Kishan tandon kranti
बसंत
बसंत
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
रुख़्सत
रुख़्सत
Shyam Sundar Subramanian
“अशान्त मन ,
“अशान्त मन ,
Neeraj kumar Soni
हमसे ये ना पूछो कितनो से दिल लगाया है,
हमसे ये ना पूछो कितनो से दिल लगाया है,
Ravi Betulwala
उड़ान
उड़ान
Saraswati Bajpai
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
सत्य कुमार प्रेमी
"" *महात्मा गाँधी* ""
सुनीलानंद महंत
*कलमें इतिहास बनाती है*
*कलमें इतिहास बनाती है*
Shashank Mishra
मुखर-मौन
मुखर-मौन
Manju Singh
संत कवि पवन दीवान,,अमृतानंद सरस्वती
संत कवि पवन दीवान,,अमृतानंद सरस्वती
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आज कल लोगों को बताओ तब उनको पता लगता है कुछ हुआ है।
आज कल लोगों को बताओ तब उनको पता लगता है कुछ हुआ है।
पूर्वार्थ
میرے اس دل میں ۔
میرے اس دل میں ۔
Dr fauzia Naseem shad
- तेरे सामने ही रहु -
- तेरे सामने ही रहु -
bharat gehlot
सफलता का महत्व समझाने को असफलता छलती।
सफलता का महत्व समझाने को असफलता छलती।
Neelam Sharma
मनोभाव
मनोभाव
goutam shaw
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
Ravi Prakash
काफी हाउस
काफी हाउस
sushil sarna
आज का मुक्तक
आज का मुक्तक
*प्रणय*
Loading...