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23 Jul 2018 · 1 min read

श्रद्धांजलि

श्रद्धेय श्री नीरज को श्रद्धांजलि

जिन्दगी का मौत से ऐसा लगाव है,

बदले हुये लिवास में आना स्वभाव है.

थककर सफर में कोई सुस्ताने लगे पथिक,

मैं सोचता हूँ मौत ही ऐसा पडाव है.

डा० हरिमोहन गुप्त,

Language: Hindi
1 Like · 249 Views
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