श्रंगार
इश्क की घुमावदार गलियों से गुजरना आसान नहीं।
महबूब के अंदाजे बयां समझ पाना कुछ आसान नहीं।
शायरों ने अपनी कुब्बत लगा दी इश्क को कहने में।
पर इश्क को क्या बला है इसे समझ पाना आसान नहीं।
विपिन
इश्क की घुमावदार गलियों से गुजरना आसान नहीं।
महबूब के अंदाजे बयां समझ पाना कुछ आसान नहीं।
शायरों ने अपनी कुब्बत लगा दी इश्क को कहने में।
पर इश्क को क्या बला है इसे समझ पाना आसान नहीं।
विपिन