श्रंगार
आशिकों को देखो अब तो सज गया बाजार है।
इश्क अब इबादत रहा नही हो गया व्यापार है।
वह दिन दूर नहीं इश्क ठेलों पर बेचेंगे सौदागर।
इश्क का मोल वह क्या जाने जो करता व्यापार है।
विपिन
आशिकों को देखो अब तो सज गया बाजार है।
इश्क अब इबादत रहा नही हो गया व्यापार है।
वह दिन दूर नहीं इश्क ठेलों पर बेचेंगे सौदागर।
इश्क का मोल वह क्या जाने जो करता व्यापार है।
विपिन