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18 Jul 2024 · 1 min read

श्रंगार

अपने कंटीले नयनों की जरा पलकें तो झपका दो।
अपने काली घटा जैसे केशो को मुक्त कर फहरा दो।
डूब जाएंगे तुम्हारे इश्क के दरिया में प्यार के बहाव में।
अपनी बलखाती कमर को बस एक बार तो थिरका दो।
विपिन

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