श्रंगार
समुद्र की उफनती लहरों से पूछो दिवानगी मेरी।
तेज आंधियों से पूछो आवारगी प्यार की मेरी।
बरसते सावन के पानी से पूछो हरियाली प्रेम की मेरी।
दहकती अग्नि से पूछो प्रेम से तप्त बदन की कथा मेरी।
विपिन
समुद्र की उफनती लहरों से पूछो दिवानगी मेरी।
तेज आंधियों से पूछो आवारगी प्यार की मेरी।
बरसते सावन के पानी से पूछो हरियाली प्रेम की मेरी।
दहकती अग्नि से पूछो प्रेम से तप्त बदन की कथा मेरी।
विपिन