श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
तेरे आशिक हो गए हैं दिलकश ये अदाएं क्या।।
रूप मनोहर तेरा लगता अधर धरी बांसुरिया।
सिर पर मोर मुकुट सोहे श्याम छवि बताएं क्या।।
यमुना के तट पर खेलें नटखट एब करें कितने।
मटकी फोड़ मुस्काएं सखियों को सताएं क्या।।
तुम हो नाथ त्रिलोक धाम के हम हैं भक्त सुदामा।
रहमत से रोशन है कुटिया और अब सजाएं क्या।।
जबसे तुमने हाथ ये थामा चैन मिला है दिल को।
बिन मांगे देता सब कुछ मांग के तुझे लजाएं क्या।।
मेरे मन के मीत बनो तुम दिल में हमें बसा लो।
श्याम छवि बसी है दिल में और अब बसाएं क्या।
उमेश मेहरा
गाडरवारा (एम पी)
9479611151