शौक से मरने चले है……
इश्क़ है हमको वतन से इश्क़ हम करने चले है।
बांध कर सर पे कफ़न हम मौत से लड़ने चले है।
तुम सियासी हो तुम्हारे साथ में धरने चले है,
हम सिपाही है तभी तो शौक से मरने चले है।
इश्क़ है हमको वतन से इश्क़ हम करने चले है।
बांध कर सर पे कफ़न हम मौत से लड़ने चले है।
तुम सियासी हो तुम्हारे साथ में धरने चले है,
हम सिपाही है तभी तो शौक से मरने चले है।