Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2023 · 1 min read

शोषण खुलकर हो रहा, ठेकेदार के अधीन।

शोषण खुलकर हो रहा, ठेकेदार के अधीन।
यह देख खिसक रही, पैरों तले जमीन।।

चाँद पर पहुँचा भारत, फिर भी ऐसा हाल ।
नौजवानो के जीवन में, नौकरी का अकाल।।

काम करना चाहते ना, मिले नही रोजगार।
खून के आँसू रो रहा, जब खर्चे हो अपार।।

लीलाधर चौबिसा (अनिल)
9829246588 चित्तौड़गढ़

2 Likes · 461 Views

You may also like these posts

मन की चुप्पी
मन की चुप्पी
Shashi Mahajan
जब टूटा था सपना
जब टूटा था सपना
Paras Nath Jha
आज फिर ....
आज फिर ....
sushil sarna
नजरिया
नजरिया
Mahender Singh
वीरांगना लक्ष्मीबाई
वीरांगना लक्ष्मीबाई
Anamika Tiwari 'annpurna '
"फिर"
Dr. Kishan tandon kranti
कहाँ तक जाओगे दिल को जलाने वाले
कहाँ तक जाओगे दिल को जलाने वाले
VINOD CHAUHAN
#ਨੀਂਵੀਂ ਪਾ ਹੱਥਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜ ਦੇ
#ਨੀਂਵੀਂ ਪਾ ਹੱਥਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜ ਦੇ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
भानू भी करता है नित नई शुरुवात,
भानू भी करता है नित नई शुरुवात,
पूर्वार्थ
2679.*पूर्णिका*
2679.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गुजर जाती है उम्र, उम्र रिश्ते बनाने में
गुजर जाती है उम्र, उम्र रिश्ते बनाने में
Ram Krishan Rastogi
"प्रणय-डगर आमंत्रण देती,
*प्रणय*
भाल हो
भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
AE888 - Nhà Cái Cung Cấp Nhiều Phương Thức Thanh Toán Tiện L
AE888 - Nhà Cái Cung Cấp Nhiều Phương Thức Thanh Toán Tiện L
AE888
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
सच्चा ज्ञानी व्यक्ति वह है जो हमें अपने भीतर पहुंचने में मदद
सच्चा ज्ञानी व्यक्ति वह है जो हमें अपने भीतर पहुंचने में मदद
Ravikesh Jha
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
gurudeenverma198
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
शेखर सिंह
सुबह का मंजर
सुबह का मंजर
Chitra Bisht
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मिले हम तुझसे
मिले हम तुझसे
Seema gupta,Alwar
जय जय शंकर जय त्रिपुरारी
जय जय शंकर जय त्रिपुरारी
Uttirna Dhar
मृत्यु के पश्चात
मृत्यु के पश्चात
Vivek saswat Shukla
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
Ranjeet kumar patre
कुछ कर लेने दो उनको भी अपने मन की,
कुछ कर लेने दो उनको भी अपने मन की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*हमारे देवता जितने हैं, सारे शस्त्रधारी हैं (हिंदी गजल)*
*हमारे देवता जितने हैं, सारे शस्त्रधारी हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
इंसान का स्वार्थ और ज़रूरतें ही एक दूसरे को जोड़ा हुआ है जैस
इंसान का स्वार्थ और ज़रूरतें ही एक दूसरे को जोड़ा हुआ है जैस
Rj Anand Prajapati
दर्द
दर्द
SHAMA PARVEEN
विरह
विरह
Shutisha Rajput
"अमृत महोत्सव"
राकेश चौरसिया
Loading...