बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
It’s all a process. Nothing is built or grown in a day.
गमों की चादर ओढ़ कर सो रहे थे तन्हां
रंग रहे उमंग रहे और आपका संग रहे
बड़े-बड़े सपने देखते हैं लोग
मां मैं तेरा नन्हा मुन्ना
मजहब का नही पता, सनातन का पता बन जायेगा,
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
पके फलों के रूपों को देखें
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
किसी ने हमसे कहा कि सरोवर एक ही होता है इसमें हंस मोती ढ़ूँढ़त
स्वयं के जीवन में अगर हम दूसरे की सफलता को स्वीकार नहीं करते