उलफ़त को लगे आग, गिरे इश्क पे बिजली
बुझ दिल नसे काटते है ,बहादुर नही ,
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
धन्यवाद के शब्द कहूँ ये कम है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"कटेंगे तो प्रसाद में बटेंगे,
" कौन मनायेगा बॉक्स ऑफिस पर दिवाली -फ़िल्मी लेख " ( भूल भूलेया 3 Vs सिंघम अगेन )
यदि चाहो मधुरस रिश्तों में
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
कृति : माँ तेरी बातें सुन....!
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
*आदरणीय श्री रम्मन मामा जी*