शेर
1-
शेर
वक़्त की आँधी ने जड़ ——से उखाड़ डाला है
छाँव मिलती थी कभी हमको –जिन दरख़्तों से
2-
हर गुनाहों ———को ख़ुदा बख़्श ही देगा यारों
माँ के क़दमों में तो सिर अपना झुका कर देखो
3-
जिस घर के बुज़ुर्गों के——- होठों पे हंसी देखो
फिर तुम ये समझ लेना ——-ऊँचा वो घराना है
4-