Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2023 · 1 min read

#शेर-

#शेर-
● कल थे होश-हवास में,
आज नशे में चूर।

1 Like · 233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

She never apologized for being a hopeless romantic, and endless dreamer.
She never apologized for being a hopeless romantic, and endless dreamer.
Manisha Manjari
दिमाग
दिमाग
R D Jangra
😑😭👋😥😬 इस दुनिया में वफ़ा करने वालों की कमी नहीं, बस प्यार ही उससे हो जाता है जो बेवफा हो। 😑😭👋😥😬
😑😭👋😥😬 इस दुनिया में वफ़ा करने वालों की कमी नहीं, बस प्यार ही उससे हो जाता है जो बेवफा हो। 😑😭👋😥😬
Sageer AHAMAD
सच तो बस
सच तो बस
Neeraj Agarwal
जिस यात्रा का चुनाव हमनें स्वयं किया हो,
जिस यात्रा का चुनाव हमनें स्वयं किया हो,
पूर्वार्थ
पानी पर ख़्वाब
पानी पर ख़्वाब
Shally Vij
गलती सदा न दाल
गलती सदा न दाल
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
मेरे टूटे हुए ख़्वाब आकर मुझसे सवाल करने लगे,
मेरे टूटे हुए ख़्वाब आकर मुझसे सवाल करने लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क का कमाल है, दिल बेहाल है,
इश्क का कमाल है, दिल बेहाल है,
Rituraj shivem verma
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
कल तो निर्मम काल है ,
कल तो निर्मम काल है ,
sushil sarna
Barish
Barish
Megha saroj
मन पर मन को मन से मिलाना आसान होगा
मन पर मन को मन से मिलाना आसान होगा
भरत कुमार सोलंकी
*
*"गुरुदेव"*
Shashi kala vyas
3247.*पूर्णिका*
3247.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
5. *संवेदनाएं*
5. *संवेदनाएं*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
सभी कहने को अपने हैं मगर फिर भी अकेला हूँ।
सभी कहने को अपने हैं मगर फिर भी अकेला हूँ।
Sunil Gupta
हे मन
हे मन
goutam shaw
*देह बनाऊॅं धाम अयोध्या, मन में बसते राम हों (गीत)*
*देह बनाऊॅं धाम अयोध्या, मन में बसते राम हों (गीत)*
Ravi Prakash
हो विसर्जन
हो विसर्जन
Seema gupta,Alwar
हम बस अपने कर्म कर रहे हैं...
हम बस अपने कर्म कर रहे हैं...
Ajit Kumar "Karn"
■ कितना वदल गया परिवेश।।😢😢
■ कितना वदल गया परिवेश।।😢😢
*प्रणय*
सबक ज़िंदगी पग-पग देती, इसके खेल निराले हैं।
सबक ज़िंदगी पग-पग देती, इसके खेल निराले हैं।
आर.एस. 'प्रीतम'
हाय हाय पैसा
हाय हाय पैसा
अवध किशोर 'अवधू'
एक रचयिता  सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
एक रचयिता सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
Dr.Pratibha Prakash
Sumclub là cổng game bài đổi thưởng tin cậy, hợp pháp tại Vi
Sumclub là cổng game bài đổi thưởng tin cậy, hợp pháp tại Vi
Sumclub - Đẳng cấp game bài đổi thưởng
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
सत्य कुमार प्रेमी
भाईचारा
भाईचारा
Mukta Rashmi
दोहे - डी के निवातिया
दोहे - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Savitri Dhayal
Loading...