विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेघ-मेघ में धड़कनें, बूँद- बूँद में प्यार।
तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
गर्व हो रहा होगा उसे पर्वत को
करके घर की फ़िक्र तब, पंछी भरे उड़ान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चलो अयोध्या रामलला के, दर्शन करने चलते हैं (भक्ति गीत)
24/233. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह
बिहार के रूपेश को मिलेगा "विश्व भूषण सम्मान- 2024"
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर स्वत कम ह
तुलसी पूजन(देवउठनी एकादशी)
#तुझसे बिछुड़ क्यों आया
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
ईश्वर जिसके भी सर्वनाश का विचार बनाते हैं तो सबसे पहले उसे ग
यूँ ही राह तकता रहता हूं किसी राहगुज़र की,