Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Ajay Chakwate *अजेय*
23 Followers
Follow
Report this post
25 Dec 2022 · 1 min read
शेर
आपल्याच लोकांनी मला चटके दिले होते
दुसऱ्याची काय गोष्ट करू हात आपलेच ते होते
Language:
Marathi
Tag:
शेर
Like
Share
124 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
जन्म जला सा हूँ शायद...!
पंकज परिंदा
ज़िम्मेवारी
Shashi Mahajan
वो ख्वाबों में आकर गमज़दा कर रहे हैं।
Phool gufran
किसी भी व्यक्ति के अंदर वैसे ही प्रतिभाओं का जन्म होता है जै
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल
Neelofar Khan
तेरी याद
Shyam Sundar Subramanian
लफ्ज़ भूल जाते हैं.....
हिमांशु Kulshrestha
ज़माने से मिलकर ज़माने की सहुलियत में
शिव प्रताप लोधी
धर्म-कर्म (भजन)
Sandeep Pande
किसी ने पूछा इस दुनिया में आपका अपना कौन है मैंने हंसकर कहा
Ranjeet kumar patre
कौन कितने पानी में है? इस पर समय देने के बजाय मैं क्या कर रह
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नजरे मिली धड़कता दिल
Khaimsingh Saini
"अजीब दस्तूर"
Dr. Kishan tandon kranti
तिरा चेहरा भी रुखसत हो रहा है जहन से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
sushil sarna
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अब गुज़ारा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
मर्यादित आचरण व बड़ों का सम्मान सही है,
Ajit Kumar "Karn"
🙅ख़ुद सोचो🙅
*प्रणय*
सफलता तीन चीजे मांगती है :
GOVIND UIKEY
जो कि मैं आज लिख रहा हूँ
gurudeenverma198
लक्ष्य
Sanjay ' शून्य'
मेरा हाथ
Dr.Priya Soni Khare
*अंतःकरण- ईश्वर की वाणी : एक चिंतन*
नवल किशोर सिंह
सरकारी जमाई -व्यंग कविता
Dr Mukesh 'Aseemit'
*माला फूलों की मधुर, फूलों का श्रंगार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आप हमको पढ़ें, हम पढ़ें आपको
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
Loading...