इतना काफी है
अब छोड दी ये उम्मीद कि कोई समझे हमें
मैं खुद को समझती हूँ इतना काफी है ॥
अब न चाहत कि कोई मेरे संग ही चले
मैं मेरे रास्ते में बढ़ रही ये काफी है ॥
किसी से प्रेम या वफा की क्यों उम्मीद करूं ?
निभा सकूं जो मैं खुद से वफा काफी है ॥
नहीं है जुस्तजू अब कि तू सदा करीब रहे
तू मेरे संग है इतना विश्वास काफी है ॥