Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Apr 2023 · 1 min read

शेर

खुशी मयस्सर भी ना हुई गम का पहाड़ टूट गया।
मेहंदी लगी रह गयी और शौहर का संग छूट गया।।

इधर बिदाई हुई उधर दुश्मन ने धावा बोल दिया।
देश की खातिर शादी का बंधन बीच में ही खोल दिया।।

सरहद पर लड़ते लड़ते बांका नोजवान शहीद हो गया।
भारत माँ के आंचल में सदा सदा के लिए सो गया।।

Language: Hindi
124 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
उतर चुके जब दृष्टि से,
उतर चुके जब दृष्टि से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कैसा दौर है ये क्यूं इतना शोर है ये
कैसा दौर है ये क्यूं इतना शोर है ये
Monika Verma
*मिलिए उनसे जो गए, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
*मिलिए उनसे जो गए, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
Varun Singh Gautam
कितनी सहमी सी
कितनी सहमी सी
Dr fauzia Naseem shad
सफलता मिलना कब पक्का हो जाता है।
सफलता मिलना कब पक्का हो जाता है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
-- नसीहत --
-- नसीहत --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
प्रश्नपत्र को पढ़ने से यदि आप को पता चल जाय कि आप को कौन से
प्रश्नपत्र को पढ़ने से यदि आप को पता चल जाय कि आप को कौन से
Sanjay ' शून्य'
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
Rj Anand Prajapati
फौजी की पत्नी
फौजी की पत्नी
लक्ष्मी सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
मस्ती का त्योहार है होली
मस्ती का त्योहार है होली
कवि रमेशराज
सच बोलने वाले के पास कोई मित्र नहीं होता।
सच बोलने वाले के पास कोई मित्र नहीं होता।
Dr MusafiR BaithA
मिले हम तुझसे
मिले हम तुझसे
Seema gupta,Alwar
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
“आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी”- गांधी जी
“आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी”- गांधी जी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
"कुछ लोग हैं"
Dr. Kishan tandon kranti
रंग में डूबने से भी नहीं चढ़ा रंग,
रंग में डूबने से भी नहीं चढ़ा रंग,
Buddha Prakash
2327.पूर्णिका
2327.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
Surinder blackpen
जिन्दगी की धूप में शीतल सी छाव है मेरे बाऊजी
जिन्दगी की धूप में शीतल सी छाव है मेरे बाऊजी
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
नटखट-चुलबुल चिड़िया।
नटखट-चुलबुल चिड़िया।
Vedha Singh
नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं।
नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं।
सत्य कुमार प्रेमी
जिसके लिए कसीदे गढ़ें
जिसके लिए कसीदे गढ़ें
DrLakshman Jha Parimal
सफाई कामगारों के हक और अधिकारों की दास्तां को बयां करती हुई कविता 'आखिर कब तक'
सफाई कामगारों के हक और अधिकारों की दास्तां को बयां करती हुई कविता 'आखिर कब तक'
Dr. Narendra Valmiki
माँ
माँ
Sidhartha Mishra
देश की हालात
देश की हालात
Dr. Man Mohan Krishna
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
Dushyant Kumar
Loading...