शेर
कभी तो मिलता है वो दिल मे मोहब्बत लेकर
कभी तो आता है वो दौरे अदावत लेकर
न जाने क्यूं मुझे वो मुझसा बन नही मिलता
गरज ये क्या कि वो आए तो सियासत लेकर
कभी तो मिलता है वो दिल मे मोहब्बत लेकर
कभी तो आता है वो दौरे अदावत लेकर
न जाने क्यूं मुझे वो मुझसा बन नही मिलता
गरज ये क्या कि वो आए तो सियासत लेकर