Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2021 · 1 min read

शेर

लाख मोहब्बत कर लो लेकिन नफ़रत कहाँ बदलती है,
गद्दारी लहू में शामिल हो तो फ़ितरत कहाँ बदलती है

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 284 Views

You may also like these posts

अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कहो कैसे वहाँ हो तुम
कहो कैसे वहाँ हो तुम
gurudeenverma198
हम जियें  या मरें  तुम्हें क्या फर्क है
हम जियें या मरें तुम्हें क्या फर्क है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रार्थना
प्रार्थना
राकेश पाठक कठारा
वायदे के बाद भी
वायदे के बाद भी
Atul "Krishn"
"जीवन का कुछ अर्थ गहो"
राकेश चौरसिया
बीहनि कथा-
बीहनि कथा-"अंडरवियर"
मनोज कर्ण
जीवण तपतौ तावड़ौ, मां थ्हूं सीतळ धार।
जीवण तपतौ तावड़ौ, मां थ्हूं सीतळ धार।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
सफ़र में आशियाना चाहता है
सफ़र में आशियाना चाहता है
Kanchan Gupta
हे जीवन पथ के पंथी
हे जीवन पथ के पंथी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
माना सांसों के लिए,
माना सांसों के लिए,
शेखर सिंह
भजन-श्री श्याम बाबा
भजन-श्री श्याम बाबा
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
मेरा अरमान
मेरा अरमान
Shutisha Rajput
बाद के लिए कुछ मत छोड़ो
बाद के लिए कुछ मत छोड़ो
पूर्वार्थ
मैं बहुत जीता हूँ, …….
मैं बहुत जीता हूँ, …….
sushil sarna
#लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं?
#लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
बेटी - मुक्तक
बेटी - मुक्तक
लक्ष्मी सिंह
🌹थम जा जिन्दगी🌹
🌹थम जा जिन्दगी🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
आज भी
आज भी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मनांतर🙏
मनांतर🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
Ajit Kumar "Karn"
दिल ए तकलीफ़
दिल ए तकलीफ़
Dr fauzia Naseem shad
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
"हा हा हा हा"
Dr. Kishan tandon kranti
#कौन_देगा_जवाब??
#कौन_देगा_जवाब??
*प्रणय*
कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से म
कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से म
Rj Anand Prajapati
आज दिन है कल रात भी होगी  ना हो उदास कभी बात भी होगी
आज दिन है कल रात भी होगी ना हो उदास कभी बात भी होगी
Aisha mohan
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
क़िताबों से सजाया गया है मेरे कमरे को,
क़िताबों से सजाया गया है मेरे कमरे को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...