हर मुक़्तलीफ़ को
हर मुक़्तलीफ़ को मिल जाए महबूब
चाँद की रूहानियत रुख़्सार हो
हाँ ना की जुस्तजू और फिर गुफ़्तगू
दिलो जां सच्ची मुहब्बत का ख़ुमार हो.
शायर- किशन कारीगर
(कॉपीराइट@)
हर मुक़्तलीफ़ को मिल जाए महबूब
चाँद की रूहानियत रुख़्सार हो
हाँ ना की जुस्तजू और फिर गुफ़्तगू
दिलो जां सच्ची मुहब्बत का ख़ुमार हो.
शायर- किशन कारीगर
(कॉपीराइट@)