ज़िम्मेदार थे हम
खुद अपनी तबाही के ज़िम्मेदार थे हम
एक बेवफ़ा से वफ़ा के उम्मीवार थे हम
किसी की आरज़ू करना अगर गुनाह है
फिर तो बेशक बहुत गुनहगार थे हम
खुद अपनी तबाही के ज़िम्मेदार थे हम
एक बेवफ़ा से वफ़ा के उम्मीवार थे हम
किसी की आरज़ू करना अगर गुनाह है
फिर तो बेशक बहुत गुनहगार थे हम