Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2020 · 1 min read

शेर

नज़रों में उसके हर रोज़ शक पनपता रहा ।
मैं उसे सच कहता रहा और उसका ये रोग बढ़ता रहा ।।
कसमें वादे उसने सब तोड़ दिए ।
मैं निभाता रहा और इल्ज़ाम लगता रहा ।।

——————————————————————-
हाथों पर आयी वक्त की इन सिलवटों से उम्र को मत तोलिये ।
ये तजुर्बा है ज़िन्दगी का , इन के आशीर्वाद से अपनी किस्मत खोलिए

——————————————————————-
न इंतजार करती हूँ ,न वजह की तलाश ।
जरिया तो खुद ब खुद चला आता है,
इन लबों पर हंसी को बयां करने ।

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 495 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम एक सहज भाव है जो हर मनुष्य में कम या अधिक मात्रा में स
प्रेम एक सहज भाव है जो हर मनुष्य में कम या अधिक मात्रा में स
Dr MusafiR BaithA
किसी की तारीफ़ करनी है तो..
किसी की तारीफ़ करनी है तो..
Brijpal Singh
इंसान समाज में रहता है चाहे कितना ही दुनिया कह ले की तुलना न
इंसान समाज में रहता है चाहे कितना ही दुनिया कह ले की तुलना न
पूर्वार्थ
जन्म गाथा
जन्म गाथा
विजय कुमार अग्रवाल
सितारों की तरह चमकना है, तो सितारों की तरह जलना होगा।
सितारों की तरह चमकना है, तो सितारों की तरह जलना होगा।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
ভালো উপদেশ
ভালো উপদেশ
Arghyadeep Chakraborty
इम्तिहान
इम्तिहान
AJAY AMITABH SUMAN
*ओ मच्छर ओ मक्खी कब, छोड़ोगे जान हमारी【 हास्य गीत】*
*ओ मच्छर ओ मक्खी कब, छोड़ोगे जान हमारी【 हास्य गीत】*
Ravi Prakash
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
"आज़ादी के 75 सालों में
*Author प्रणय प्रभात*
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
Subhash Singhai
क्या कहेंगे लोग
क्या कहेंगे लोग
Surinder blackpen
उन्नति का जन्मदिन
उन्नति का जन्मदिन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
नाबालिक बच्चा पेट के लिए काम करे
नाबालिक बच्चा पेट के लिए काम करे
शेखर सिंह
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
समय के साथ ही हम है
समय के साथ ही हम है
Neeraj Agarwal
24/241. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/241. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाँद
चाँद
ओंकार मिश्र
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़  हुए  लाचार ।
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़ हुए लाचार ।
sushil sarna
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रणय 9
प्रणय 9
Ankita Patel
All good
All good
DR ARUN KUMAR SHASTRI
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रेम के रंग कमाल
प्रेम के रंग कमाल
Mamta Singh Devaa
आज भगवान का बनाया हुआ
आज भगवान का बनाया हुआ
प्रेमदास वसु सुरेखा
बुद्ध के बदले युद्ध
बुद्ध के बदले युद्ध
Shekhar Chandra Mitra
‘‘शिक्षा में क्रान्ति’’
‘‘शिक्षा में क्रान्ति’’
Mr. Rajesh Lathwal Chirana
सुदामा जी
सुदामा जी
Vijay Nagar
दिन की शुरुआत
दिन की शुरुआत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
Madhuri Markandy
Loading...