शेर
रिश्तों की हरियाली मुकर्रर नहीं तो जीवन के बागानी में इसकी खुशबू बसा लो।
कल टूटना होगा टूटेगी आज की डाली तो खूबसूरत खुशियों से सजा लो।
-शशि “मंजुलाहृदय”
रिश्तों की हरियाली मुकर्रर नहीं तो जीवन के बागानी में इसकी खुशबू बसा लो।
कल टूटना होगा टूटेगी आज की डाली तो खूबसूरत खुशियों से सजा लो।
-शशि “मंजुलाहृदय”