शेर–वर्तमान दौर में!*भरोसा करें*रास्ता बदल बैठे!
आसां नहीं है यारों सच कहना वर्तमान दौर में।
झूठ फरेब का बाजार बड़ा है, कौन सुनेगा इस शोर में।
अपनी कमियां कौन गिनाए, औरों में ढूंढते चले जाएं।
चलते रहो चुप चाप, ढूंढने सच्चाई किसी छोर में।।
राजेश व्यास अनुनय
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भरोसा करें, किस पर करें, कैसे करें।
अनेकों ठोकरें खाई है।
हर दफा सच का ही तो आलाप किया है,
फरेब के आगे कहां चल पाई है।।
राजेश व्यास अनुनय
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रास्ता बदल बैठे हम, कसम अब यह खाई है।
छूट जाए चाहे साथ सभी का, छोड़ेंगे न सच्चाई है।
जीवन क्षण भंगुर,
हर पल हमारा तो, मांगता सबके लिए दुहाई है।।
राजेश व्यास अनुनय