शेर :– मेरे कुछ शेर -भाग -1 !!
शेर :– मेरे कुछ शेर -भाग -1 !!
दर्द दिल से रो पड़ी अब तो कलमें भी यहाँ !
कब तलक लिखते रहेंगे प्यार की ये दास्तां !!
पूज लो उसको यहाँ चाहे खुदा तुम मान कर !
सिरफिरे को सरफरोशी हम मगर कहते नहीँ !!
जिंदगी के इस सफर में चंद लम्हे रह गये !
अनसुनें उलझे यहाँ कुछ अनकहे से रह गए !!
आरजू के हर परों को हमने काटा खुद-व-खुद !
चन्द पैसों में बिकी जब आबरू मेरे वतन की!!
तुमसे बिछड़ के हम यहाँ जिंदा हैं या नहीँ !
मैं सच कहूँ तो ये मुझे शायद पता नहीँ !!
अनुज तिवारी “इन्दवार”