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18 Sep 2018 · 1 min read

शेर/बस इक़ पल

साल महीनें दिन पहर ये बहुत ज़ियादा हैं
मुक़म्मल इश्क़ के लिए इक़ पल काफ़ी है

……..बस इक़ पल

___अजय “अग्यार

Language: Hindi
266 Views
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