शेर/जज़्बात
आज मैंने तुम्हें मेरे शहर में ठंडी हवा सा बहते हुए देखा
अगर वो तुम नहीं थीं मेहरबाँ तो वल्लाह कोई तुम सी थी..
~अजय “अग्यार
आज मैंने तुम्हें मेरे शहर में ठंडी हवा सा बहते हुए देखा
अगर वो तुम नहीं थीं मेहरबाँ तो वल्लाह कोई तुम सी थी..
~अजय “अग्यार