शेर जो दे *आपके तंत्र को नया आयाम*
**पत्थरों के खोजी,
उंगलियों में नीलम पहनते हैं,
सुना है हर किसी को,
माफिक नहीं आते,
फैले है लाखों तौर-तरीके,
उस एक ईश की खोज में,
कोई इस विधि चढ़ा,
कोई उस विधि,
पहुँचते है सभी,
पर यकीन नहीं रहता,
मिला है सभी को,
कभी थोड़ा कम,
कभी थोड़ा ज्यादा,
पर माँगने वाले की,
झोली देखी गई,
देने वाले ने कभी मुँह नहीं फेरा,
डॉ महेन्द्र सिंह खालेटिया,
रेवाड़ी(हरियाणा).