क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
*व्याख्यान : मोदी जी के 20 वर्ष*
इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,
सात शरीर और सात चक्र को जानने का सरल तरीके। लाभ और उद्देश्य। रविकेश झा।
उदास रात सितारों ने मुझसे पूछ लिया,
मुसीबत में घर तुम हो तन्हा, मैं हूँ ना, मैं हूँ ना
प्रशांत सोलंकी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अजीब बैचैनी है मुझ में………
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
दोस्ती की कीमत - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
देखिए इतिहास की किताबो मे हमने SALT TAX के बारे मे पढ़ा है,
जिन्दगी जीना बहुत ही आसान है...
मजहब का नही पता, सनातन का पता बन जायेगा,