"हमारे दर्द का मरहम अगर बनकर खड़ा होगा
सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सपने कीमत मांगते है सपने चाहिए तो जो जो कीमत वो मांगे चुकने
अपने ख्वाबों से जो जंग हुई
याद रख इस दुनिया में माँ-बाप के
हमराही
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जहर है किसी और का मर रहा कोई और है
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दिल में छुपे अलग से दर्द की कहानी,
पुछ रहा भीतर का अंतर्द्वंद