कुछ पल जिंदगी के उनसे भी जुड़े है।
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
बिगड़े हुए मुकद्दर पर मुकदमा चलवा दो...
सुना है नींदे चुराते हैं ख्वाब में आकर।
जरूरत के वक्त जब अपने के वक्त और अपने की जरूरत हो उस वक्त वो
"शीशा और रिश्ता बड़े ही नाजुक होते हैं
तुम्हारा मेरे जीवन में होना
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
सारे गिले-शिकवे भुलाकर...
"सर्व धर्म समभाव"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वह बरगद की छाया न जाने कहाॅ॑ खो गई
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
Let us create bridges to connect people beyond boundaries,
खुद को भुलाकर, हर दर्द छुपाता मे रहा