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3 Apr 2024 · 1 min read

शेखर सिंह ✍️

उनकी नज़रें चुराने की बुरी आदत है

उनकी नज़रें चुराने की बुरी आदत है ।
मेरी मगर दिल लगाने की बुरी आदत है ।।

उनसे नजरों का नहीं होता दीदार कभी ।
उनकी सपनों में आने की बुरी आदत है ।।

इस महफ़िल में हैं सभी इक किरदार महज ।
तुम्हारी सबको अपना बनाने की बुरी आदत है ।।

यहां कौन , कब , किसका इंतज़ार करता है ।
यहां सबको दूसरों को भुलाने की बुरी आदत है ।।

सच्चाइयों से जिन्दगी है कहां चलती ठाकुर ।
तुम्हारी मगर सच बताने की बुरी आदत है ।

Language: Hindi
Tag: Article
1 Like · 64 Views

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