शेखचिल्ली
हर किसी के मन मे बसा होता है एक शेखचिल्ली.
नही नही,हर इन्सान मुलत: होता है एक शेखचिल्ली.
स्वप्न तो देखता है हमेशा हर एक इन्सान .
पर उनमे से बन पाता है कोई एकही महान.
क्युकी कुछ तो देखते रहते है मात्र सपना.
और उसमे ही जाया करते है वक्त अपना.
लेकिन कुछ बना लेते है स्वप्न को अपना लक्ष.
और कुछ बनकर रह जाते है मात्र स्वप्न का भक्ष.
स्वप्न के प्रति हो जाते है कुछ पूर्णतः समर्पित.
और कर लेते है अपने स्वप्न को अर्जित.
कुछ रहते है मात्र स्वप्न देखने मे मग्न.
और खुद ही कर लेते है अपने स्वप्न को भग्न.
जिनका होता है स्वप्न फलित वो कहलाते है भाग्यशाली.
और कुछ स्वप्नभंग करवा कर बन जाते है शेखचिल्ली.