Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
*प्रणय*
68 Followers
Follow
Report this post
15 Jan 2023 · 1 min read
शुभ_रात्रि
आज अपने इस शेर के साथ। जो कहता है कि कौन निभाए छल के साथ?
【प्रणय प्रभात】
Language:
Hindi
Like
Share
1 Like
· 149 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like these posts
आशिक!
Pradeep Shoree
चुप
Rajeev Dutta
World Earth Day
Tushar Jagawat
शख्शियत
आर एस आघात
बातें जो कही नहीं गईं
Sudhir srivastava
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
Babli Jha
इंतज़ार
Shekhar Chandra Mitra
23/158.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिनकर/सूर्य
Vedha Singh
उलझनें
Karuna Bhalla
"साहित्यपीडिया" वालों को अपनी प्रोफाइल "लॉक्ड" करने के साथ ए
*प्रणय*
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
"सोचिए जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
- मतलबी दोस्त आज के -
bharat gehlot
*माँ : 7 दोहे*
Ravi Prakash
रिश्ते का सच
पूर्वार्थ
मायापति
Mahesh Jain 'Jyoti'
थिक मिथिला के यैह अभिधान,
उमा झा
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
Lakhan Yadav
मौन
Shweta Soni
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
Kumar lalit
हर एक ईट से उम्मीद लगाई जाती है
कवि दीपक बवेजा
बारिश पर तीन कविताएं /©मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मानव निर्मित रेखना, जैसे कंटक-बाड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
निःशब्दिता की नदी
Manisha Manjari
16---🌸हताशा 🌸
Mahima shukla
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
राष्ट्रहित में मतदान करें
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
कभी कभी जिंदगी
Mamta Rani
हुस्न है नूर तेरा चश्म ए सहर लगता है। साफ शफ्फाफ बदन छूने से भी डर लगता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...