सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
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सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Every moment has its own saga
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
*नवरात्रि के इन पावन पर्व में ...*
चलो इश्क़ जो हो गया है मुझे,
*मेले में ज्यों खो गया, ऐसी जग में भीड़( कुंडलिया )*
इश्क दर्द से हो गई है, वफ़ा की कोशिश जारी है,
जीवन सूत्र (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी हमारा मान है*
तुम्हें पता है तुझमें मुझमें क्या फर्क है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का